क्योंकि यहाँ बारिशें हर रोज़, और बसंत कभी-कभी आता है। क्योंकि यहाँ बारिशें हर रोज़, और बसंत कभी-कभी आता है।
साग़र की आरज़ू ना पैमाने की आस होनी चाहिए... साग़र की आरज़ू ना पैमाने की आस होनी चाहिए...
खामोशियाँ इधर भी हैं, शायद उधर भी... खामोशियाँ इधर भी हैं, शायद उधर भी...